Monday, April 17, 2023

किशोर अभिभावक संवाद

 


प्रखर की उम्र 14 वर्ष है। जैसे-जैसे उम्र बढ़ती जा रही है माता-पिता की चिंता भी बढ़ती जा रही है। इस चिंता के दो मुख्य कारण हैं

1. प्रखर की उम्र के साथ बदलती हुई आदतें

2. बढ़ती हुई प्रतिस्पर्धा के बीच उसकी परफॉर्मेंस 

दोनों में से अधिक महत्व की कौन सी है यह तो शायद उसके अभिभावकों को भी पता नहीं था। कभी कारण नंबर 1 ऊपर होता तो कभी कारण नंबर 2 पहला कारण तो किसी के साथ साझा भी नहीं किया जा सकता था, क्योंकि उसमें से कुछ बदलाव ऐसे थे जिनको लोगों के साथ साझा करने पर प्रखर के माता-पिता को अपनी प्रतिष्ठा दांव पर दिखाई देती। क्या सोचेंगे लोग? प्रखर के माता-पिता इतना भी ध्यान नहीं रखते? क्या जरूरत है दोनों को काम करने की? उसके पिता की तनख्वाह कौन सी कम है जो दोनों को काम करना पड़ता है? क्या उनको प्रखर की संगति दिखाई नहीं देती? इतनी कम उम्र में मोबाइल दिलाने की क्या जरूरत थी?

लोगों के द्वारा ऐसे अनेकों पूछे जा सकने वाले यह सभी प्रश्न प्रखर के माता-पिता के मन में खुद ही घूमते रहते थे। इन सब प्रश्नों के कारण ही चिंता का कारण नंबर 1 चर्चा में नहीं होता था।

कारण नंबर 2 की चर्चा के लिए तो अनेकों विद्वान थे, प्रखर को समझाने के लिए कभी उसके पिता के दोस्त होते तो कभी उसकी मम्मी के ऑफिस में काम कर रहे उनके सहकर्मी। प्रखर को समझाने के लिए समय की किसी के पास कोई कमी नहीं होती किंतु उसे समझने के लिए समय की सबके पास कमी रहती। इस कारण नंबर 2 की चर्चा में जो कुछ देखने को मिला

1. प्रखर और उसके माता-पिता ने पिछले 2 वर्षों में एक साथ 30 मिनट से अधिक बातचीत नहीं की।

2. किसी भी लंबी बातचीत (15 मिनट से अधिक) का अंत तनावग्रस्त या लड़ते झगड़ते ही हुआ

3. प्रखर के पास संसाधन की कभी कोई कमी नहीं रही।

4. 24 घंटे में से एक तिहाई समय सोने का, एक तिहाई समय स्क्रीन पर और शेष एक तिहाई में बाकी सब कुछ।

5. विगत 2 वर्षों में प्रखर के कमरे की बत्ती रात 2:00 बजे से पहले बंद नहीं हुई, कभी-कभी तो सुबह 5:00 बजे तक भी बत्ती जलती रहती है।

6. प्रखर के माता-पिता का वह समय जब वो घर पर रहते हैं, उसमें से 40 से 50% स्क्रीन टाइम ही होता है।

7. सबकाअपनामोबाइल है अर्थात एक दूसरे के मोबाइल को हाथ लगाने की स्वतंत्रता नहीं है।

8. घर से जब कोई भी बाहर जाता है तो बाकी सब के लिए इतना ही पर्याप्त होता है किमैं कुछ समय के लिए बाहर जा रहा/ रही हूंकहांपूछने की स्वतंत्रता बाकी को नहीं थी। कभी-कभी प्रखर के बाहर जाते समय पूछ लिया जाता किंतु उत्तर सकारात्मक मिला हो इसकी प्रायिकता कम ही है।

तीन लोगों का यहसुखीपरिवार जिसमें किसी चीज की वैसे तो कोई कमी नहीं है, बस थोड़ा सा अभाव है तोखुशीका।

संसाधनोंकी भरमार, फिर भीतनावग्रस्तसंसार,

 ’पैसोंका प्रभावफिर भीखुशियोंका अभाव।

 

आगे की चर्चा फिर आगे....

 

-vivek

 

2 comments:

  1. Actual happening in most of the families perhaps.

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  2. वर्तमान वातावरण की वास्तविकता

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